India News: हरियाणा सरकार ने दुष्कर्म और हत्या के दोषी डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को 30 दिन की पैरोल देने का फैसला लिया है। यह राम रहीम के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है क्योंकि वह साढ़े सात साल बाद पहली बार सिरसा स्थित अपने मुख्यालय में रहेंगे। इससे पहले, राम रहीम को 11 बार पैरोल और फरलो मिली थी, लेकिन हर बार वह उत्तर प्रदेश के बागपत स्थित अपने डेरे में ही रहे थे। मंगलवार को हरियाणा पुलिस की सुरक्षा में राम रहीम रोहतक की सुनारिया जेल से रिहा हुआ और करीब 9 बजे सिरसा डेरा पहुंचा। इस समय डेरा सच्चा सौदा में अवतार माह मनाया जा रहा है।
राम रहीम के बाहर आने के बाद, सिरसा, हिसार, और फतेहाबाद जिलों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। डेरा सच्चा सौदा के मुख्यालय में जाने वाले सभी मार्गों पर पुलिस तैनात की गई है और क्षेत्र में अलर्ट घोषित कर दिया गया है। राम रहीम को 2017 में साध्वियों से यौन शोषण और मर्डर के मामले में सजा हुई थी और वह मंगलवार को 12वीं बार जेल से बाहर आया है।
राम रहीम के लिए इस पैरोल को मंजूरी जेल में उसके अच्छे आचरण और पैरोल व फरलो के दौरान नियमों का पालन करने के कारण मिली है। पिछले साल, विधानसभा चुनाव के दौरान राम रहीम ने इमरजेंसी पैरोल की मांग की थी, लेकिन चुनाव आचार संहिता के कारण उसे मंजूरी नहीं मिली थी। अब जब उसे पैरोल मिली है, तो वह सिरसा पहुंचे और अपने अनुयायियों से एक वीडियो संदेश के जरिए अपील की है कि वे सिरसा में आकर डेरा न आएं।
वीडियो संदेश में राम रहीम ने कहा कि, “परमात्मा की कृपा से मैं आपके बीच में आया हूं, लेकिन आप से प्रार्थना है कि आप लोग शाह सतनाम जी और शाह मस्तान जी धाम में न आएं। आप सभी अपने-अपने स्थान पर रहकर मुझे दर्शन दें और सेवादारों के निर्देशों का पालन करें।” इसके बाद वह अपने निजी आवास में चले गए और करीबियों से मुलाकात की।
राम रहीम की इस बार की रिहाई और वीडियो संदेश के बाद, डेरा सच्चा सौदा के अनुयायियों में उत्साह और अव्यवस्था की स्थिति न पैदा हो, इसके लिए प्रशासन द्वारा सभी जरूरी कदम उठाए गए हैं।
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