New Delhi : मणिपुर की पूर्व राज्यपाल अनुसुइया उइके ने कहा है कि हिंसा प्रभावित मणिपुर के लोग इस बात से दुखी हैं कि पीएम नरेंद्र मोदी अभी तक वहां नहीं पहुंचे हैं। एक इंग्लिश अखबार से खास बातचीत में उइके ने कहा, ‘उस समय जिस तरह के हालात थे, प्रधानमंत्री और गृह मंत्री ने शायद कोई ऐसा फैसला ले लिया हो। मुझे इस बारे में जानकारी नहीं है। मणिपुर के लोग पीएम मोदी को पसंद करते हैं। वहां किए गए विकास कार्यों की वजह से लोग उनका सम्मान करते हैं। वे थोड़े दुखी हैं और कह रहे हैं कि पीएम को मणिपुर का दौरा करना चाहिए।’
जब उनसे पूछा गया कि क्या पीएम मोदी ने मणिपुर के लोगों को निराश किया है, इस पर अनुसुइया उइके ने कहा कि ऐसा नहीं है। उन्होंने कहा, ‘नहीं, मुझे ऐसा नहीं लगता। मुझे लगता है कि उस समय पीएम मोदी फ्रांस गए थे। भारत लौटने के बाद उन्होंने कैबिनेट मीटिंग में इस मुद्दे पर चर्चा भी की थी।’ उन्होंने कहा, ‘केंद्र मणिपुर में स्थिति पर लगातार नज़र रख रहा है। गृह मंत्री स्थिति पर नियंत्रण बनाए हुए हैं, जो लगातार बदल रही है। स्थिति धीरे-धीरे शांतिपूर्ण हो रही है। पीएम ने भी मणिपुर में हो रही घटनाओं पर चिंता जताई है।’
पूर्व राज्यपाल ने कहा, ‘मणिपुर में स्थिति पर काफ़ी हद तक नियंत्रण पा लिया गया है। मैंने राहत शिविरों में दोनों समुदायों के कई लोगों से मुलाक़ात की है।’ यह पूछे जाने पर कि क्या केंद्र ने एन. बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली मणिपुर सरकार को अप्रासंगिक बना दिया है?
उइके ने कहा, ‘केंद्र और राज्य के बीच समन्वय है। मैंने भी मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक और अन्य शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठकें की हैं। हमने भविष्य की घटनाओं, राहत शिविरों में रह रहे लोगों की कठिनाइयों पर चर्चा की। हमने हिंसा से प्रभावित लोगों के लिए घर भी बनाए और रहने की जगह भी मुहैया कराई।’ उन्होंने कहा कि केंद्र ने बचे हुए लोगों को 10 लाख रुपये, 7 लाख रुपये और 5 लाख रुपये का मुआवज़ा दिया है।
इस सवाल पर कि क्या केंद्र मणिपुर के मामलों में हस्तक्षेप कर रहा है, पूर्व राज्यपाल ने कहा, ‘दो समुदायों के बीच टकराव का मुद्दा है। यह कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं है। सभी राजनीतिक दलों के नेताओं ने मुझसे मुलाकात की। मैंने उनसे कहा कि हिंसा राजनीतिक नहीं है। मैंने उनसे समुदाय के सदस्यों को शांति सुनिश्चित करने के लिए मनाने का आग्रह किया।’ मुख्यमंत्री बीरेन सिंह को हटाने की मांग पर उइके ने कहा कि सीएम ने कुछ ऐसे फैसले नहीं लिए जो हिंसा प्रभावित राज्य में नाटकीय रूप से स्थिति बदल सकते थे।
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