News Delhi. माइक्रोसॉफ्ट विंडोज ( Microsoft Windows ) में आई खराबी के चलते दुनियाभर के तमाम कंप्यूटर और लैपटॉप आज अचानक बंद पड़ गए। इसके चलते विमान कंपनियों, बैंकों और अनेक माडिया हाउस का कामकाज ठप हो गया। कंप्यूटर के ऑपरेटिंग सिस्टम विंडोज में आई तकनीकी खराबी को इसका मुख्य कारण माना जा रहा है। शुक्रवार सुबह से ही माइक्रोसॉफ्ट यूजर्स को कार्य करने में खासी दिक्कत महसूस हुई है। इसका असर भारतीय एयरलाइंस पर भी हुआ है। दुनियांभर के माइक्रोसॉफ्ट यूजर्स को ऑप्रेटिंग सिस्टम में ब्लू स्क्रीन ऑफ डेथ की खराबी देखने को मिल रही है। इस कारण सिस्टम अचानक बंद होते हैं या फिर रीस्टार्ट हो जा रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक, माइक्रोसॉफ्ट विंडोज ( Microsoft Windows ) की खराबी के चलते न्यूजीलैंड में कई बड़े बैंकों और दुकानों के साइबर सिस्टम ठप हो गए हैं। एएसबी, कीवीबैंक, व्हाट्पेक, एएनजेड और माइक्रोसॉफ्ट जैसी कंपनियों के सिस्टम में दिक्कत आने की खबर है। यहां ऑकलैंड यूजर्स ने बताया कि वूलवर्थ्स स्टोर में सेल्फ-चेकआउट मशीनों ने कम्प्यूटर सिस्टम प्रॉब्लम में है। इसे रीस्टार्ट की आवश्यकता है। जैसे मैसेज देखे गए हैं। यही नहीं दुनियां के अन्य देशों में भी यही दिक्कत सामने आई है।
इस संबंध में माइक्रोसॉफ्ट ने अपने बयान में कहा है कि समस्या की जांच की जा रही है, इसके चलते भी उपयोगकर्ताओं को विभिन्न ऐप्स और सेवाओं तक जाने में दिक्कत हो रही है। वहीं साइबर सिक्योरिटी कंपनी क्राउडस्ट्राइक ने एक अपडेट जारी किया था, कि समस्या के साथ ही एमएस विंडोज पर चलने वाले सभी कंप्यूटर्स और लैपटॉप अचानक क्रैश कर गए हैं। माइक्रोसॉफ्ट विंडोज की परेशानी के चलते अन्य संबंधित सेवाओं पर भी इसका असर पड़ा है। यहां बतलाते चलें कि यूजर्स को माइक्रोसॉफ्ट 360, माइक्रोसॉफ्ट विंडोज के साथ ही माइक्रोसॉफ्ट टीम, माइक्रोसॉफ्ट एजुरे, माइक्रोसॉफ्ट स्टोर और माइक्रोसॉफ्ट क्लाउड-पावर्ड सर्विस के इस्तेमाल में भी खासी दिक्कत हो रही है। 74फीसदी यूजर्स तो माइक्रोसॉफ्ट स्टोर में लॉगिन ही नहीं कर पा रहे हैं। वहीं 36फीसदी यूजर्स को ऐप में परेशानी हो रही है।
इस संबंध में अमेरिका के साइबर सिक्योरिटी कॉर्डिनेटर का कहना था कि ऑस्ट्रेलिया में कई कंपनियों और सेवाओं को प्रभावित करने वाली एक बड़ी तकनीकी खराबी के बारे में आज दोपहर को ही पता चला है। जानकारी के अनुसार यह खराबी प्रभावित कंपनियों द्वारा नियोजित तीसरे पक्ष के सॉफ़्टवेयर प्लेटफ़ॉर्म के साथ एक तकनीकी समस्या के रुप में सामने आया है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि उन्हें ऐसी कोई जानकारी उपलब्ध नहीं हुई है कि यह साइबर सुरक्षा से जुड़ा कोई मामला है। बावजूद इसके तमाम तरह के यूजर्स से बातचीत जारी है और समस्या के समाधान पर कार्य किया जा रहा है।
- भारत में भी एयरलाइंस कंपनियों के काम पर असर
माइक्रोसॉफ्ट विंडोज में आई खराबी का असर भारत की एयरलाइंस पर भी हुआ है। अकासा एयर ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए बताया है, कि हमारी सर्विस प्रोवाइडर के साथ बुनियादी ढांचे में आई खराबी के चलते, हमारी कुछ ऑनलाइन सेवाएं, जिनमें बुकिंग, चेक-इन और बुकिंग प्रबंधन सेवाएं आदि शामिल हैं, अस्थायी रूप से अनुपलब्ध रहेंगी। हम वर्तमान में एयर पोर्ट पर मैन्युअल चेक-इन और बोर्डिंग प्रक्रियाओं का पालन कर रहे हैं। इसलिए तत्काल यात्रा वाले यात्रियों काउंटरों पर चेक-इन करने के लिए एयरपोर्ट पर जल्दी पहुंचने की सलाह दी जाती है। इस असुविधा के लिए एयर लाइन्स ने खेद भी जताया और आश्वस्त किया कि समस्या का हल जल्द से जल्द निकाल लिया जाएगा। वहीं स्पाइस जेट ने भी लगभग यही संदेश अपने उपभोक्ताओं और यूजर्स को दिया है।
- माइक्रोसॉफ्ट बोला- क्लाउड कंप्यूटिंग प्लेटफॉर्म में आई दिक्कत
दुनिया भर से तकनीकी समस्याएं सामने आने के बाद माइक्रोसॉफ्ट ने बयान जारी कर बताया कि उनके क्लाउड कंप्यूटिंग प्लेटफॉर्म में अमेरिकी समय के मुताबिक शाम 5 बजकर 56 मिनट पर समस्या शुरू हुई। इसके चलते उससे जुड़े सिस्टम प्रभावित हुए हैं। BBC के मुताबिक इस समस्या का समाधान आसान नहीं है। इसे किसी सेंट्रल कमांड से ठीक नहीं किया जा सकता है। इसे सुधारने के लिए हर एक कम्पयूटर सिस्टम को रिबूट करना होगा।
- क्या है क्लाउड कंप्यूटिंग
क्लाउड कंप्यूटिंग एक ऐसी कंप्यूटर सुविधा है जिसमें सर्वर, स्टोरेज, डेटाबेस, नेटवर्किंग, सॉफ्टवेयर, एनालिटिक्स और इंटेलिजेंस सेवाएं मिलती है। इन सेवाओं के लिए ग्राहकों के कंप्यूटर को क्लाउड सर्वर से इंटरनेट के जरिए जोड़ा जाता है। सेवाओं के बदले में ग्राहकों को भुगतान करना होता है। इंटरनेट के माध्यम से मिलने वाली इन सेवाओं का मकसद तेज और आसान तरीके से सुविधाओं को प्रदान करना होता है।
- एक साथ कैसे ठप पड़ गई दुनिया की तकनीक?
अमेरिकी मीडिया हाउस न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक समस्या क्राउड स्ट्राइक नाम की एक कंपनी के चलते हुई है। ये साइबर सिक्योरिटी से जुड़ी कंपनी है। माइक्रोसॉफ्ट इसकी सेवाएं लेता है। इसका सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल दुनियाभर में किया जाता है। ताकि सिस्टम को हैकर्स और किसी भी तरह की घुसपैठ से बचाया जा सके। रिपोर्ट्स के मुताबिक समस्या तब शुरू हुई जब क्राउस स्ट्राइक सॉफ्टवेयर अपडेट कर रहा था।
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