Ranchi : झारखंड के पूर्व सीएम चंपई सोरेन के एक्स पर की पोस्ट के बाद सियासी में भूचाल आ गया है। इसको लेकर नेताओं की प्रतिक्रिया सामने आने लगी हैं।
चंपई सोरेन के एक्स पर की पोस्ट के बाद सियासी बहस तेज
इसी कड़ी में झारखंड के मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि ये झारखंड मुक्ति मोर्चा का अंदरुनी मामला है। गठबंधन को इसपर अपना पक्ष रखने की जरूरत नहीं है। बन्ना ने कहा कि वह बेहतर तरीके से इसे सुलझा सकते हैं। हेमंत सोरेन एक अच्छे सीएम हैं और सरकार चला रहे हैं। वे गुरुजी के पुत्र हैं, राजनीति की बारीकियां समझते हैं। इस पर हमारी तरफ से कुछ भी कहना उचित नहीं है।
चंपई सोरेन के एक्स पोस्ट पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा- झारखंड मुक्ति मोर्चा अब एक परिवार केंद्रित पार्टी बन गई है। कभी विनोद बिहारी महतो, शिबू सोरेन, चंपाई सोरेन, लोबिन हेम्ब्रम और दुर्गा सोरेन जैसे क्रांतिकारियों की पार्टी रही जेएमएम अब जेल से संचालित होने वाली पंकज मिश्रा और प्रेम प्रकाश जैसे दलाल-बिचौलियों की पार्टी बन चुकी है। उन्होंने आगे लिखा कि यह देखकर बहुत दुख होता है कि चंपई सोरेन ने जिस पार्टी के प्रति अपना सारा जीवन समर्पित किया, उन्हें ही तिरस्कृत कर सीएम पद से हटा दिया, उनके अधिकारों का हनन कर जबरन कार्यक्रमों को स्थगित किया गया।
मरांडी ने आगे लिखा कि दलाल और बिचौलियों का मुखौटा बन चुकी झामुमो में अब चंपई सोरेन और लोबिन हेम्ब्रम जैसे निष्ठावान कार्यकर्ताओं के लिए जगह नहीं रही। अपने ध्येय से विमुख होकर भ्रष्टाचार की ओर बढ़ रही पार्टी को जब लोबिन ने सचेत करने का प्रयास किया तो उनके खिलाफ ही दुष्प्रचार किया गया। विचारधारा से विमुख हो चुकी झामुमो के पतन की यह शुरुआत है। चंपई और लोबिन से प्रेरणा लेकर झामुमो के अनेकों निष्ठावान कार्यकर्ता परिवारवाद की राजनीति का बहिष्कार करेंगे।
आजसू पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष सुदेश कुमार महतो ने कहा है कि जमीन से जुड़े और वरिष्ठ नेता पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से अपनी पीड़ा को राज्य की जनता के समक्ष रखा है। उनकी पीड़ा यह बयां करती है कि सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा में आंतरिक लोकतंत्र नहीं है और वह एक परिवार के राजशाही रिवाज से जकड़ा हुआ है। वे पूर्व में भी यह बात कई मौके पर और कहते रहे हैं। हेमंत सोरेन जब विधानसभा में विश्वासमत हासिल कर रहे थे, तो उन्होंने विधानसभा में भी कहा था कि इसकी जरूरत क्यों आन पड़ी? चंपाई सोरेन ने कुशलता से पांच महीने तक राजकाज चलाया, लेकिन सोरेन परिवार अपने परिवार के बाहर किसी को नेतृत्व देने को तैयार नहीं है। चंपाई सोरेन जी के कार्यकाल में ट्रांसफर पोस्टिंग के उद्योग पर भी लगाम लगा था। उन्हें जितना समय जनता की सेवा करने का दिया गया उस दरमियान उन्हें राज्य की आवश्यकतओं के अनुरूप कार्य किया था। जेएमएम ने एक वरिष्ठ नेता को अपने कार्यकाल में बेहतर कार्य करने के बावजूद उनके आत्मसम्मान को ठेस पहुँचाने का काम किया है। राज्य की जनता सब देख और समझ रही है।
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