New Delhi : कांग्रेस संसदीय दल की बुधवार को हुई बैठक में कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा, कुछ ही माह में चार राज्यों में चुनाव होने हैं। हमें लोकसभा चुनावों में हमारे लिए जो उत्साह और सद्भावना पैदा हुई थी, उस उत्साह को बरकरार रखना होगा। हमें आत्मसंतुष्ट और अति-आत्मविश्वासी नहीं बनना चाहिए।
- लोकसभा चुनाव जैसा प्रदर्शन करने की जरुरत
माहौल हमारे पक्ष में है, लेकिन हमें उद्देश्य की भावना के साथ एकजुट होकर काम करना होगा। मैं यह कह सकती हूं कि लोकसभा चुनाव जैसा प्रदर्शन करते हैं, तब राष्ट्रीय राजनीति में बदलाव आएगा।
सीपीपी की बैठक में कांग्रेस संसदीय दल प्रमुख सोनिया गांधी ने कहा, यह स्पष्ट है कि केंद्र सरकार का 2021 में होने वाली जनगणना कराने का कोई इरादा नहीं है। इससे हम देश की जनसंख्या, खासकर अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों की जनसंख्या का अद्यतन अनुमान नहीं लगा पाएंगे। इसका मतलब है कि हमारे कम से कम 12 करोड़ नागरिक 2013 के राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के लाभ से वंचित हैं, इस अब पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना के रूप में फिर से पेश किया गया है।
सोनिया गांधी ने सीपीपी की बैठक में कहा, हमें उम्मीद थी कि मोदी सरकार चुनावों में अपनी महत्वपूर्ण गिरावट से सबक लेगी। इसके बजाय, मोदी सरकार समुदायों को विभाजित करने और भय और दुश्मनी का माहौल फैलाने की अपनी नीति पर कायम हैं। सौभाग्य से, सुप्रीम कोर्ट ने सही समय पर हस्तक्षेप किया। लेकिन यह केवल एक फौरी राहत हो सकती है। चुनाव के बाद मोदी सरकार ने कैसे नौकरशाही को आरएसएस की गतिविधियों में भाग लेने की अनुमति देने के लिए अचानक नियम बदल दिए गए हैं। यह खुद को एक सांस्कृतिक संगठन कहता है, लेकिन पूरी दुनिया जानती है कि यह भाजपा का राजनीतिक और वैचारिक आधार है। सोनिया ने कहा, पिछले कुछ सालों में शिक्षा को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। देश को आगे ले जाने के बजाय, पूरी शिक्षा प्रणाली को दोषपूर्ण और हेरफेर वाली प्रणाली के रूप में पेश किया जा रहा है।
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