Ghazipur : यूपी के गाजीपुर जिले में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के चलते एक झोलाछाप डॉक्टर ने गर्भवती महिला की नॉर्मल डिलीवरी के लिए एक के बाद एक कर आठ इंजेक्शन लगा दिए और फिर एक घंटे तक महिला को ऑटो में बैठाकर गड्ढों वाली सड़कों पर घुमाया। इसके बाद भी महिला की नॉर्मल डिलीवरी नहीं हुई तो महिला को दूसरे अस्पताल जाने को कह दिया। दूसरे अस्पताल में महिला की ऑपरेशन से डिलीवरी करवाई गई तो नवजात की मौत हो चुकी थी।
नॉर्मल डिलीवरी के लिए लगाए आठ इंजेक्शन, नवजात की मौत, मामला दर्ज
मामला खुदाबख्शपुर गांव की रहने वाली अनीता देवी को प्रसव पीड़ा के बाद छतमा गांव के एक क्लीनिक ले जाया गया। जहां डॉक्टर डीके गौतम ने प्रसव कराने के नाम पर गर्भवती महिला को आठ इंजेक्शन लगा दिए। उसके बाद भी प्रसव पीड़ा नहीं होने पर डॉक्टर ने ऑटो में प्रसूता को लिटाकर एक घंटे तक शहर की गड्ढे वाली सड़कों पर ऑटो चलवाया। उसने कहा कि गड्ढों में हिचकोले खाने के बाद प्रेशर बनेगा और नार्मल डिलिवरी हो जाएगी, लेकिन शाम तक जब डिलीवरी नहीं हुई तो उसने अपने ही पहचान के हरदासपुर खुर्द में बिना रजिस्ट्रेशन चल रहे जीवनदीप हेल्थ केयर सेंटर में भेज दिया।
यहां डॉक्टर कमलेश चौहान ने पहले नॉर्मल डिलीवरी करने को कहा और पास की ही किसी झोलाछाप महिला डॉक्टर को बुलाकर नॉर्मल डिलीवरी करवाने लगा, फिर ज्यादा स्थिति बिगड़ता देख आधी रात को ऑपरेशन करने की बात कहते हुए 25 हजार रुपए की मांग की। जब डॉक्टर ने जच्चा-बच्चा दोनों को स्वस्थ रखने का भरोसा दिया तो परिजन ऑपरेशन कराने को राजी हो गए। रात दो बजे ऑपरेशन के बाद लड़का पैदा हुआ, लेकिन कुछ ही देर बाद उसकी मौत हो गई।
अस्पताल के कर्मचारियों ने पहले तो प्रसूता से नवजात के मौत की जानकारी छिपाई फिर उसे दूसरे अस्पताल में इलाज के लिए भेज दिया, लेकिन अस्पताल में भीड़ होने पर प्रसूता को इस घटना की जानकारी हो गई। प्रसूता की हालत बिगड़ने पर एम्बुलेंस से महिला जिला अस्पताल भेजा गया। इस मामले में परिजनों ने पुलिस में केस दर्ज कराया है। एसपी केपी सिंह ने बताया कि नवजात के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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