Ranchi : सीएम हेमन्त सोरेन के निर्देश एवं श्रम, रोजगार, प्रशिक्षण और कौशल विकास विभाग की त्वरित पहल पर दक्षिण अफ्रीका के कैमरून से झारखंड के 27 श्रमिकों की बुधवार को सबेरे सुरक्षित अपने घर वापसी हो गई। वे कैमरून के याउंडे में विनायक कंस्ट्रक्शन, फेस जेंडरमेरी, अप्रेस ऑडिटोरियम और जीन पॉल टू मबांकलो कंपनी में कार्यरत थे।

मजूदर वहां फंसे हुए थे। उन्‍हें चार महीने से वेतन नहीं मिला था। उन्‍होंने सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर वापसी की गुहार लगाई थी। इसकी शिकायत मिलते ही श्रम विभाग ने तत्काल कार्रवाई करते हुए एल.एंडटी. कम्पनी एवं भारतीय उच्चायोग से बात की। उसी दिन सभी संबंधित प्रवासी मजदूरों को राशि भुगतान उनके खाते में कर किया गया। लौटने वालों में 18 बोकारो, चार गिरिडीह और पांच हजारीबाग जिले के श्रमिक शामिल हैं।

सभी श्रमिकों का पारसनाथ स्टेशन पर श्रम सचिव, श्रमायुक्त की उपस्थिति में जिला प्रशासन द्वारा माला पहनकर भव्य स्वागत किया गया। इसके बाद प्रवासी श्रमिकों के सकुशल वापसी के उपलक्ष्य में वेद वाटिका होटल, डुमरी में स्वागत समारोह का आयोजन किया गया।समारोह में उद्योग मंत्री सत्यानंद भोक्ता, स्कूली शिक्षा मंत्री बैद्यनाथ राम, महिला बाल विकास मंत्री बेबी देवी गिरिडीह विधायक सुदिव्य कुमार सोनू, गांडेय विधायक कल्पना मुर्मू सोरेन शामिल हुए। इस अवसर पर सभी श्रमिकों के बीच 25-25 हजार रुपए के चेक का वितरण किया गया। शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया।

मौके पर सीएम से मोबाइल के माध्यम से ऑनलाइन श्रमिकों से बातचीत कराई गई। उन्होंने सभी श्रमिकों का हौसला अफजाई की। कहा कि राज्य सरकार आपकी सेवा और सुविधा में सदैव तत्पर है। सरकार का प्रयास यही है कि श्रमिकों को राज्य में ही रोजगार के अवसर प्रदान किए जाय, जिससे कि श्रमिकों को कहीं पलायन नहीं करना पड़ें।

श्रम सचिव मुकेश कुमार ने जानकारी दी कि वैसे प्रवासी श्रमिक जो इस तरह के धोखाधड़ी में फंस जाते हैं, इसके लिए विभाग द्वारा श्रमायुक्त की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय समिति गठित की गयी है जो इस मामले को देख रही है। इसमें जो भी ठेकेदार दोषी पाये जायेंगे उन पर विभाग द्वारा कठोरतम कानूनी कार्रवाई की जाएगी। श्रम सचिव ने प्रवासी मजदूरों से अपील की कि से बाहर जाने के पूर्व श्रम विभाग में पंजीकरण अवश्य करायॆं।

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