Dhaka : बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना पद से इस्तीफा देकर भारत आ गई थीं और वह देश के नाम संबोधन देना चाहती थीं, लेकिन बवाल इतना ज्यादा बढ़ा गया कि वह ऐसा नहीं कर पाईं। प्रदर्शनकारी छात्र उनके दरवाजे तक पहुंच गए इस वजह से उन्हें देश छोड़ना पड़ा लेकिन अब वह भाषण सामने आ गया, जिसमें शेख हसीना ने अपने करीबी सहयोगियों से उस भाषण के बारे में बात की है। बताया जा रहा है कि अगर उन्हें कुछ पल और मिल गया होता, तो वह अपने देश के लोगों से बात करना चाहती थीं। उन्हें बताना चाहती थीं कि आखिर उनके साथ ऐसा क्यों हो रहा है? देश के खिलाफ कैसी साजिश रची जा रही है लेकिन ये सब करने का वक्त ही नहीं मिला। यहां तक कि अपनी पार्टी के लोगों से भी बात करने नहीं कर पाईं।
पार्टी के करीबी लोगों को भेजे संदेश में शेख हसीना काश कुछ वक्त मिल गया होता! लोगों को संबोधित करना चाहती थीं हसीना
ढाका,(ईएमएस)। बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना पद से इस्तीफा देकर भारत आग गई थीं और वह देश के नाम संबोधन देना चाहती थीं, लेकिन बवाल इतना ज्यादा बढ़ा गया कि वह ऐसा नहीं कर पाईं। प्रदर्शनकारी छात्र उनके दरवाजे तक पहुंच गए इस वजह से उन्हें देश छोड़ना पड़ा लेकिन अब वह भाषण सामने आ गया, जिसमें शेख हसीना ने अपने करीबी सहयोगियों से उस भाषण के बारे में बात की है। बताया जा रहा है कि अगर उन्हें कुछ पल और मिल गया होता, तो वह अपने देश के लोगों से बात करना चाहती थीं। उन्हें बताना चाहती थीं कि आखिर उनके साथ ऐसा क्यों हो रहा है? देश के खिलाफ कैसी साजिश रची जा रही है लेकिन ये सब करने का वक्त ही नहीं मिला। यहां तक कि अपनी पार्टी के लोगों से भी बात करने नहीं कर पाईं।
पार्टी के करीबी लोगों को भेजे संदेश में शेख हसीना ने कहा कि मैंने सिर्फ इसलिए पीएम पद छोड़ दिया, क्योंकि मैं लाशों का जुलूस नहीं देखना चाहती थी। वह लोग छात्रों के शव पर चढ़कर सत्ता हासिल करना चाहते थे, लेकिन मैंने उन्हें इसकी अनुमति नहीं दी। इसलिए मैंने पीएम पद से इस्तीफा देना उचित समझा। शेख हसीना ने कहा कि मुझे दुख है कि अवामी लीग के नेताओं को निशाना बनाया जा रहा है। मैं जल्द वापस आउंगी। अवामी लीग, बार-बार खड़ी हुई है। एक बार फिर यह खड़ी होगी। बता दें जिस आरक्षण को लेकर यह बवाल हो रहा था, उस पर शेख हसीना ने कहा था कि अगर स्वतंत्रता सेनानियों के पोते-पोतियों को नहीं, तो कोटा लाभ किसे मिलेगा। रजाकारों के पोते-पोतियों को मिलेगा।
शेख हसीना ने कहा कि मैंने सिर्फ इसलिए पीएम पद छोड़ दिया, क्योंकि मैं लाशों का जुलूस नहीं देखना चाहती थी। वह लोग छात्रों के शव पर चढ़कर सत्ता हासिल करना चाहते थे, लेकिन मैंने उन्हें इसकी अनुमति नहीं दी। इसलिए मैंने पीएम पद से इस्तीफा देना उचित समझा। शेख हसीना ने कहा कि मुझे दुख है कि अवामी लीग के नेताओं को निशाना बनाया जा रहा है। मैं जल्द वापस आउंगी। अवामी लीग, बार-बार खड़ी हुई है। एक बार फिर यह खड़ी होगी। बता दें जिस आरक्षण को लेकर यह बवाल हो रहा था, उस पर शेख हसीना ने कहा था कि अगर स्वतंत्रता सेनानियों के पोते-पोतियों को नहीं, तो कोटा लाभ किसे मिलेगा। रजाकारों के पोते-पोतियों को मिलेगा।
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