Ranchi : डीजीपी अजय कुमार सिंह ने रामगढ़ थाना प्रभारी इंस्पेक्टर अजय साहू को सस्पेंड कर दिया। डीजीपी के स्तर से जारी आदेश में कहा गया है कि थाना प्रभारी अजय कुमार साहू के द्वारा एएसआई राहुल कुमार सिंह पर लगातार किसी बात को लेकर दबाव बनाया जाता था।
अजय साहू का नाम पहले भी विवाद में आया है। उनके खिलाफ सीआईडी के तत्कालीन डीएसपी रंजीत लकड़ा ने 18 जुलाई 2020 को डोरंडा थाना में फोन टैपिंग करने को लेकर मामला दर्ज कराया था।झारखंड में सीआईडी की तकनीकी शाखा के अफसरों के द्वारा पुलिस अफसरों और स्पेशल ब्रांच के पुलिसकर्मियों के मोबाइल फोन टैप किये जाते थे। सीआईडी ने विधायक सरयू राय की शिकायत के बाद इस मामले में जांच की थी। जांच में तीन मोबाइल नंबर पुलिस अफसरों और कर्मचारियों के ही मिले। इसके बाद सीआईडी के डीएसपी रंजीत लकड़ा ने 18 जुलाई, 2020 को इस मामले में डोरंडा थाने में एफआईआर दर्ज करायी थी।
डोरंडा थाने में फोन टैपिंग के मामले में सीआईडी ने तत्कालीन तकनीकी सेल प्रभारी इंस्पेक्टर अजय कुमार साहू समेत अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करायी थी।सीआईडी के द्वारा दर्ज कराई गयी एफआईआर में सराइकेला के चौका थाना के तत्कालीन थानेदार रतन कुमार सिंह, चुटिया थाना के एसआई रंजीत सिंह और स्पेशल ब्रांच के सिपाही इमरान के मोबाइल नंबर टैपिंग में रखने की जानकारी दी थी।
अब सवाल उठ रहा है कि आखिर वह कौन सी बात है, जिसे लेकर थाना प्रभारी उस एएसआई राहुल कुमार सिंह पर दबाव बना रहे थे और जिसकी वजह से राहुल कुमार सिंह की अस्वभाविक मौत हो गयी।जिसके लिए थाना प्रभारी को जिम्मेदार ठहराया गया।डीजीपी के स्तर से थाना प्रभारी का निलंबन सामान्य घटना नहीं माना जा सकता। इसके लिए एसपी ही प्रर्याप्त होते हैं। एसपी के स्तर से अगर इस तरह की कार्रवाई नहीं होती है, तो रेंज के डीआईजी और जोन के आईजी यह कार्रवाई कर सकते हैं।यहां कार्रवाई सीधे डीजीपी के स्तर से हुई है, यह बड़े सवाल खड़ा करता है।
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