Ranchi : झारखंड भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता अजय साह ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा केंद्र से 1 लाख 36 हज़ार करोड़ रुपए की बकाया राशि मांगने पर प्रतिक्रिया दी है। कहा कि मुख्यमंत्री राज्य को प्रभावी ढंग से चलाने में असफल रहे हैं।उनके पास कोई भी ऐसी योजना नहीं है, जिसे उन्होंने पांच साल पहले शुरू किया हो और जिसका लाभ अब राज्य की जनता को मिल रहा हो।
वे केवल हाल के महीनों में जल्दबाजी में लागू की गई योजनाओं के आधार पर वोट मांग रहे हैं।अपने कार्यकाल के अंतिम दिनों में अपनी विफलताओं का दोष केंद्र सरकार पर मढ़ने की कोशिश कर रहे हैं।केंद्र से झारखंड को मिलने वाले फंड के बारे में कहा कि केंद्र सरकार ने हमेशा झारखंड को उसकी मांग से अधिक वित्तीय सहायता दी है। नितिन गडकरी ने भी सार्वजनिक रूप से कहा था कि केंद्र झारखंड को धन देने के लिए तैयार है, लेकिन हेमंत सोरेन सरकार के अधिकारी सड़क बनाने के बजाए पैसे बनाने में अधिक दिलचस्पी ले रहे हैं। खनिज पर रॉयल्टी के सवाल पर मुख्यमंत्री को स्पष्ट करना चाहिए कि उनकी सरकार ने डीएमएफटी फंड का किस तरह उपयोग किया है।
झारखंड के प्रिंसिपल अकाउंटेंट जनरल की रिपोर्ट बताती है कि हेमंत सरकार ने इस फंड का भारी दुरूपयोग किया है। इसे जनता के कल्याण के बजाय अधिकारियों और झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेताओं के व्यक्तिगत लाभ और सुख सुविधा के लिए खर्च किया गया है।राज्य सरकार के कुछ विभागों से पैसे फर्जी खातों में ट्रांसफर किए जाने की पुख्ता खबरें भी सामने आई हैं। केंद्र सरकार द्वारा राज्य को किसी भी प्रकार के फंड देने के लिए एक संवैधानिक प्रक्रिया होती है।निःसंदेह झारखंड को उसका हक़ सही समय पर उचित प्रक्रिया से मिलेगा।जहां तक रॉयल्टी पर ब्याज की बात है तो यह ब्याज राज्य सरकार को कांग्रेस के पार्टी फण्ड से मांगना चाहिए क्यों कि यह बकाया उसी वक़्त का है।
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