मुजफ्फर हुसैन
रांची। अमूमन देखा जाता है कि लोगों का काम करवाने के लिए बिचौलिए रांची नगर निगम एवं जिला परिवहन कार्यालय के बाहर एकजूट रहते हैं। जैसे ही कोई व्यक्ति उक्त कार्यालय पहुंचता है, बिचौलिए उसकी ओर दाैड़ लगाकर ब्रह्मांड का सारा कार्य करवाने का दावा ठोक देते हैं और उससे मोटी रकम की मांग कर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देते हैं। ठीक इसी प्रकार, अब बड़े बिचाैलिए झारखंड के मंत्रियों के आशियाने में मंडराने लगे हैं और वहां पहुंचने वाले लोगों को गुमराह कर काम करवाने का दावा ठोक रहे हैं। इनमें सबसे बड़ी संख्या दागी तत्वों का है। ये वैसे दागी हैं, जो समाज में अघोषित रूप से नेता बनने का दंभ भरते हैं और अपनी कार्यप्रणाली से समाज को ही भीतर से खोखला कर रहे हैं। उनकी नजर में उनसे बड़ा नेता कोई और नहीं जबकि वास्तविकता यह है कि दो-चार नशेड़ी और बेरोजगारों को छोड़ कोई उनके पीछे चलने को तैयार नहीं है। इनका पहनावा नेताओं की तरह होता है, जिससे लोग दिग्भ्रमित हाेते हैं। दूसरा कारण मंत्रियाें के आवास में आने-जाने से लोगाें को इन पर भराेसा हो जाता है और जल्दी काम हो जाये इस चक्कर में ये इनके घेरेे में आ जाते हैं जबकि मंत्रियाें काे इनके कार्य की जानकारी ही नहीं हाेती। यही कारण है कि ये बेखौफ होकर मंत्रियों के आशियाने में मंडराने लगे हैं और लाेगों का कार्य चुटकी भर में करवाने का दावा ठोक रहे हैं।
इरफान-हफीजूल-दीपिका के आशियाने में ज्यादा
स्वास्थ्य एवं खाद्य आपूर्ति मंत्री डॉ इरफान अंसारी, जल संसाधन एवं अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हफीजूल हसन एवं ग्रामीण विकास मंंत्री डॉ दीपिका पांडेय सिंह के आशियाने के आस-पास ऐसे तत्व अधिक दिखाई देते हैं। इससे सरकार की छवि खराब हाे रही है। सरकार बनते ही मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने मंत्रियों एवं विधायकों काे स्पष्ट निर्देश दिया था कि आवासीय कार्यालय एवं आवास से दागी तत्वाें को दूर रखें। किसी को भी किसी कार्य में रखने से पूर्व उसकेे पिछले गतिविधियों की जानकारी एकत्रित कर लें। साथ ही, मंत्रीगण किस तरह के लोगों से अपने आवास में मिल रहे हैं, इसका विशेेष ध्यान रखें अन्यथा सरकार की बदनामी हो सकती है। बावजूद ऐसे लोगों का मंत्रियों के आवास में आने-जाने का सेटिंग-जुगाड़ जारी है।
महागठबंधन सरकार को कोसते थे, अब मिल रहे गले
ऐसे तत्व महागठबंधन की पिछली सरकार को जी-भर कर कोसते थे और त्रुटि निकाला करते थे। चुनाव के समय भी विरोध मेें प्रचार-प्रसार किया लेकिन सरकार बनतेे ही मानसिक रूप से महागठबंधन के हो गये हैं। प्रतिदिन मंत्रियों के आशियाने का चक्कर लगाकर तारीफें की जा रही हैं। सोशल मीडिया में प्रशंसा के पूल बांधे जा रहे हैं। ऐसे लोगों से सरकार और मंत्रियों को बचने की आवश्यकता है अन्यथा समाज का एक बड़ा वर्ग इन तत्वों के जाल मेें फंसकर अपनी गाढ़ी कमाई से हाथ धाे बैठेगा।
सीधे मिल सकते हैं मंत्री सेे
आम लोग किसी कार्य को लेकर किसी भी मंंत्री से सीधे मिल सकते हैं। इसके लिए उनके कार्यालय में मिलने संबंधी अवेदन देना हाेता है ताकि मंत्री भी आपके मिलने का कारण जानते हुए आपके लिए समय निकाल सकें। कुछ मंत्री तो अपने आवासीय कार्यालय में आम लाेगों से सीधे मिलते हैं और समस्या का समाधान करते हैं।
नोट-खबर का पक्ष लेने केे लिए मंत्री डॉ इरफान अंंसारी से उनके मोबाईल नंबर पर संपर्क किया गया लेकिन उनसे बात नहीं हो पाई।