Mumbai : मायानगरी के बहुचर्चित शीना बोरा हत्याकांड में सरकारी पक्ष को साल 2012 में मिले शीना बोरा के अवशेष नहीं मिल रहे हैं। सरकारी पक्ष ने अदालत को बताया कि 2012 में जब शीना बोरा की कथित तौर पर हत्या की गई थी, उस वक्त पेन पुलिस ने कथित तौर पर उसकी हड्डियां और अवशेष बरामद किए थे, लेकिन अब उसका पता नही चल रहा है कि वो कहां है? मुंबई के भायखला इलाके में सरकारी जेजे अस्पताल के एक फॉरेंसिक विशेषज्ञ चिकित्सक की गवाही के दौरान गुरुवार को अभियोजन पक्ष ने यह खुलासा किया।
सीबीआई के मुताबिक, तब जेजे अस्पताल की फोरेंसिक डॉक्टर ने उन हड्डियों की जांच की थी। इन्हें पेन पुलिस ने उस जगह से बरामद किया था, जहां 2012 में कथित तौर पर शीना के शव को ठिकाने लगाने के लिए जला दिया गया था। उस वक्त डॉक्टर ने यह प्रमाणित किया था कि अवशेष मानव के थे। हालांकि अब जब शीना बोरा की हत्या का मुकदमा चल रहा है और सीबीआई गवाह को हड्डियां और अवशेष दिखाकर बयान लेना चाहती थी, लेकिन उसे अवशेष नहीं मिल रहे हैं।
अवशेष नहीं मिलने पर अब तक सुनवाई तीन बार स्थगित हो चुकी है और अब अगली सुनवाई 27 जून को होनी है। केस के मुताबिक शीना के अवशेष सबसे पहले 2012 में पेन पुलिस स्टेशन के अधिकारी को मिले थे और उन्होंने इसे फोरेंसिक जांच के लिए जेजे अस्पताल मुंबई भेजा था। जांच के बाद अवशेषों को वापस पेन पुलिस स्टेशन भेज दिया गया था। यह मामला जब सीबीआई को स्थानांतरित किया गया तो एजेंसी ने पेन पुलिस द्वारा बरामद शव के अवशेषों को आगे की विस्तृत जांच के लिए दिल्ली स्थित एम्स भेजा था ताकि यह पुष्टि की जा सके कि क्या 2012 और 2015 में पाए गए अवशेष एक ही व्यक्ति के हैं।
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