New Delhi : दिल्ली में शनिवार को पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की 9वीं बैठक हुई। बैठक का इंडिया गठबंधन ने जहां बहिष्कार किया, वहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नीति आयोग की मीटिंग बीच में छोडक़र बाहर आ गईं। उन्होंने आरोप लगाया कि बैठक में पक्षपात किया गया। ममता ने आरोप लगाया कि उन्हें बोलने नहीं दिया। माइक बंद कर दिया। उन्होंने कहा कि बैठक में विपक्ष की ओर से सिर्फ मैं शामिल हुई थी।
भाजपा के मुख्यमंत्रियों को बोलने के लिए 10 से 20 मिनट का समय दिया गया, जबकि मुझे केवल 5 मिनट मिले। यह गलत है। विपक्ष की ओर से, सिर्फ मैं यहां प्रतिनिधित्व कर रही हूं, और इस बैठक में इसलिए भाग ले रही हूं क्योंकि सहकारी संघवाद को मजबूत करने में मेरी अधिक रुचि है। नीति आयोग के पास कोई वित्तीय शक्तियां नहीं हैं, यह कैसे काम करेगा? इसे वित्तीय ताकत दें या योजना आयोग को वापस लाएं। मैंने अपना विरोध दर्ज कराया और मैं बाहर आ गई।
इधर, सरकार ने ममता के इन आरोपों को झूठा बताया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि ममता झूठ बोल रहीं, माइक बंद नहीं किया गया। हर मुख्यमंत्री के बोलने का समय तय था। नियमों के आधार पर उनके बोलने की बारी लंच के बाद आनी थी। लेकिन, पश्चिम बंगाल सरकार के आधिकारिक अनुरोध पर उन्हें बैठक में सातवें वक्ता के रूप में बोलने का मौका दिया गया, क्योंकि उन्हें जल्दी लौटना था।
- मेरा अपमान किया गया
ममता बनर्जी ने कहा कि मैंने कहा योजना आयोग को वापस ले आइए, मैंने कहा बंगाल को फंड दीजिए और आप भेदभाव मत कीजिए। मैंने बोला जब केंद्र सरकार चलाते हैं तो सारे राज्यों का सोचना चाहिए। मैं सेंट्रल फंड के बारे में बता रहा थी कि इसे पश्चिम बंगाल को नहीं दिया जा रहा है, तभी उन्होंने मेरा माइक म्यूट कर दिया। मैंने कहा कि विपक्ष से मैं ही बैठक में भाग ले रही हूं, आपको खुश होना चाहिए, इसके बजाय आप अपनी पार्टी और सरकार को अधिक वरीयता दे रहे। यह न केवल बंगाल का अपमान है, बल्कि सभी क्षेत्रीय दलों का भी अपमान है। ये तो मेरा भी अपमान है। ममता बनर्जी ने बैठक से एक दिन पहले कहा था कि नीति आयोग खत्म करके, योजना आयोग को वापस लाओ। योजना आयोग, नेताजी सुभाष चंद्र बोस का आइडिया था। उन्होंने आगे कहा- ये सरकार आपसी लड़ाई में गिर जाएगी, इंतजार कीजिए। इस दौरे में मेरे पास ज्यादा समय नहीं है, इसीलिए किसी नेता से मेरी मुलाकात नहीं हो रही।
- केंद्रीय मंत्रियों ने ममता बनर्जी पर साधा निशाना
केंद्रीय मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि पार्लियामेंट में कोई कहता है मेरा माइक बंद कर दिया जाता है, कोई कहता है मुझे बोलने नहीं दिया जाता। ये कहीं ना कहीं अफवाह है और जनता को गुमराह करने का प्रयास किया जा रहा है। मैं उस मीटिंग में था नहीं लेकिन मुझे पूरा विश्वास है कि ऐसा नहीं हुआ होगा। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि ममता बनर्जी जो कह रही हैं वह पूरी तरह से मिसलीडिंग है। उन्होंने खुद कहा कि वह जल्दी निकलना चाहती हैं इसलिए उन्हें पहले बोलने की अनुमति दी जानी चाहिए। उन्हें पूरा समय दिया गया। उनकी घंटी भी नहीं बजी थी। उन्होंने अपनी बात कही। फिर वह बाहर आ गईं और वही किया जो उन्हें करना था। अफसोस की बात है। केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि मैंने नहीं देखा कि (नीति आयोग) बैठक में क्या हुआ। मैं केवल इतना ही कह सकता हूं कि यह तथाकथित इंडिया गठबंधन कोई गठबंधन नहीं है क्योंकि ममता ने पश्चिम बंगाल में कांग्रेस को एक भी सीट नहीं दी। वे जनता के जनादेश को पचा नहीं पा रहे हैं इसलिए हाय तौबा मचा रहे हैं।
- इन राज्यों के सीएम नहीं हुए शामिल
नीति आयोग की बैठक 5 घंटे चली। बैठक में इंडिया ब्लॉक के राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल नहीं हुए। बता दें कि इंडिया ब्लॉक के कई मुख्यमंत्रियों ने इस बैठक का बहिष्कार किया है। इस बीच, तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन, केरल के मुख्यमंत्री और सीपीआई (एम) नेता पिनाराई विजयन, पंजाब के सीएम भगवंत मान और सभी तीन कांग्रेस मुख्यमंत्रियों- कर्नाटक के सिद्धारमैया, हिमाचल प्रदेश के सुखविंदर सिंह सुक्खू और तेलंगाना के सीएम रेवंत रेड्डी सहित कई विपक्षी मुख्यमंत्रियों (सीएम) ने नीति आयोग की अहम बैठक का बहिष्कार करने का ऐलान किया है। इसके अलावा एनडीए के सहयोगी नीतीश कुमार भी बैठक में नहीं पहुंचे है और इसकी वजह अभी सामने नहीं आई है। राज्य के दो डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा शामिल हुए। भाजपा शासित राज्यों के ज्यादातर सीएम इस बैठक में मौजूद रहे।
- 15 केंद्रीय मंत्रियों को पदेन सदस्य बनाया गया
केंद्र सरकार ने 16 जुलाई को नीति आयोग की नई टीम का ऐलान किया था। इसमें चार पूर्णकालिक सदस्यों के अलावा भाजपा और एनडीए के सहयोगी दलों के 15 केंद्रीय मंत्रियों को पदेन सदस्य या विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। राष्ट्रपति भवन की तरफ से इससे जुड़ा नोटिफिकेशन जारी किया गया था। प्रधानमंत्री मोदी आयोग के अध्यक्ष और इकोनॉमिस्ट सुमन के. बेरी उपाध्यक्ष बने रहेंगे। इसके अलावा साइंटिस्ट वीके सारस्वत, एग्रीकल्चर इकोनॉमिस्ट रमेश चंद, बाल रोग विशेषज्ञ वीके पॉल और मैक्रो-इकोनॉमिस्ट अरविंद विरमानी पूर्णकालिक सदस्य बने रहेंगे।
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