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JAC ने हिंदी और साइंस परीक्षा की रद्द, पेपर लीक पर हाई-लेवल कमेटी गठित

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Jharkhand News: झारखंड एकैडेमिक काउंसिल ( JAC ) द्वारा आयोजित 10वीं की परीक्षा के पेपर लीक की गंभीर घटना सामने आई है, जिसके बाद हिंदी और साइंस दोनों विषयों की परीक्षाएं रद्द कर दी गईं। जानकारी के अनुसार, 18 फरवरी से शुरू हुई परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक हुआ था और इसका सैम्पल सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। इस वायरल पेपर के मिलान के बाद जैक अधिकारियों ने पेपर लीक के आरोपों को सही पाया, और इसके बाद पूरे राज्य में संबंधित परीक्षाओं को रद्द करने का निर्णय लिया गया।

JAC के अध्यक्ष नटवा हांसदा ने इस मामले में पुष्टि की कि पेपर लीक कोडरमा और गिरिडीह जिले से हुआ है। उन्होंने बताया कि 20 फरवरी को जब विज्ञान की परीक्षा का प्रश्न पत्र खोला गया, तो वह वायरल पेपर से मेल खा गया। जैक ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए राज्य सरकार के साथ मिलकर एक उच्च-स्तरीय बैठक बुलाई, जहां मामले की जांच की दिशा तय की गई।

कोडरमा जिले के डीईओ अविनाश राम ने इस पेपर लीक के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि लीक हुआ पेपर 350 रुपये में बिक रहा था। पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि यह घटना 19 फरवरी से पहले हो चुकी थी, जब विज्ञान विषय का पेपर लीक हुआ था। इसके बाद, 18 फरवरी को हिंदी और 20 फरवरी को निर्धारित साइंस परीक्षा को रद्द कर दिया गया और नई तिथियों की घोषणा की जाएगी।

इस घटना पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी तेज हो गई हैं। पूर्व नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने पेपर लीक को झारखंड के लाखों छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ करार दिया और राज्य सरकार से दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा कि झारखंड में पहले जेएसएससी और जेपीएससी परीक्षाओं के पेपर लीक होते रहे हैं, और अब मैट्रिक परीक्षा भी इसकी चपेट में आ गई है।

पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने भी इस घटना की कड़ी निंदा की। उन्होंने आरोप लगाया कि झारखंड सरकार के कार्यकाल में पेपर लीक माफिया सक्रिय है, और यह पहली बार है जब राज्य में मैट्रिक परीक्षा का पेपर लीक हुआ है। मरांडी ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के करीबी गिरोह ने ही इस घटना को अंजाम दिया है और शिक्षा विभाग लीपापोती करने में लगा हुआ है।

इस गंभीर मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए, बाउरी और मरांडी ने राज्य सरकार से अपील की कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए और मामले की सीबीआई जांच करवाई जाए। वहीं, शिक्षा मंत्री और जैक अध्यक्ष से भी नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा देने की मांग की गई है।

जैक की ओर से यह भी कहा गया है कि इस पेपर लीक की जांच के लिए एक उच्च-स्तरीय कमेटी का गठन किया जाएगा, जो मामले की विस्तृत जांच करेगी।

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