मुजफ्फर हुसैन
रांची। उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री रांची जिला अंतर्गत विभिन्न प्रखंड एवं अंचल कार्यालय की खराब छवि सुधारने में लगे हैं। अधिकारियों एवं कर्मियों को प्रात: 10 बजे से संध्या 5 बजे तक प्रखंड कार्यालय में रहकर आम नागरिकों के कार्यों का निष्पादन करने को कहा गया है। साथ ही, अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे आम नागरिकों को उचित परामर्श एवं मार्गदर्शन देने के साथ-साथ उनके संग कुशल व्यवहार करेंगे लेकिन अरगोड़ा अंचल कार्यालय में स्थिति इसके उलट है। इस अंचल कार्यालय में सरकारी बाबूओं का भौकाल बना हुआ है। कर्मचारी से लेकर अधिकारी तक आम नागरिकों से कैसा व्यवहार करते हैं यह इस अंचल कार्यालय में गुरुवार को उजागर हुआ। दरअसल, अपने निवेदन को लेकर इस दिन हुंडरू बस्ती निवासी फागू साहू पिता गजपत साहू अपने पुत्र संग अंचल कार्यालय पहुंचे थे। कई दिन के चक्कर के बाद भी जब उनके निवेदन पर कोई उचित निर्णय नहीं लिया गया तो उन्होंने अंचल अधिकारी सुमन कुमार सौरभ से मुलाकात करना उचित समझा। यहां भी उन्हें कोई संतोषप्रद जवाब नहीं मिला। फलत: अंचल अधिकारी संग उनकी बहस छिड़ गई। यह बहस अंचल अधिकारी श्री सौरभ को इतनी चुभ गई कि उन्होंने श्री साहू और उनके पुत्र पर सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने संबंधी अरगोड़ा थाना में सनहा कर डाला। सनहा प्राथमिकी में बदल गई और मामला डोरंडा थाना में स्थानांतरित कर दिया गया। सब कुछ गुरुवार को ही हो गया। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या श्री साहू इसी मामले में अंचल अधिकारी के विरुद्ध सनहा दर्ज करवाते तो इतनी जल्दी प्राथमिकी दर्ज होती? प्राथमिकी छोड़िए सनहा भी क्या इतनी जल्दी ली जाती? शायद नहीं, क्योंकि तब जांच-पड़ताल और अनुसंधान कार्य पूरा करने के नाम पर मामले को लंबित रखा जाता। इस घटना के बाद से क्षेत्र में चर्चा का विषय है कि उपायुक्त श्री भजंत्री प्रखंड और अंचल कार्यालय को फ्रेंडली बनाने पर जोर दे रहे हैं, बैठक पर बैठक कर रहे हैं और दूसरी ओर अंचल अधिकारी अपने भौकाली तिलिस्म को तोड़ने को तैयार नहीं हैं। राईट टू सर्विस एक्ट के नियमों की कहीं अगर धज्जियां उड़ाई जाती है तो राजधानी के अंचल कार्यालय इसके ज्वलंत उदाहरण हैं। यहां लोगों की एड़ियां घीस जाती है लेकिन उनका काम नहीं होता। सवाल पूछने पर डांट-फटकार मिलती है या फिर आश्वासन की भारी-भरकम पोटली। जब आश्वासन की पोटली रिक्त हो जाती है तब विवाद बढ़ता है और आम आदमी को मिलता है सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने का अपराध।
क्याें बढ़ा विवाद, क्या है मामला
म्यूटेशन को लेकर मेरी ओर से मध्यस्थता लंबित है। मैंने कई बार समझाने का प्रयास किया लेकिन वे एग्रेसिव हो गए। मैंने सूझ-बूझ से मामले को संभाला अन्यथा बड़ी घटना हो सकती थी।-सुमन कुमार सौरभ, अंचल अधिकारी, अरगोड़ा अंचल।
प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया गया है। पूछताछ जारी है, जांच-पड़ताल के बाद ही कार्रवाई की जायेगी। वैसे लोक सेवक के साथ लोक परिसर में इस तरह का व्यवहार अनुचित है।-जयदीप टोप्पो, थाना प्रभारी, डोरंडा थाना, रांची।