Jharkhand News: झारखंड में नक्सल उन्मूलन की दिशा में सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता मिली है। बोकारो जिले के लूगु पहाड़ क्षेत्र में चलाए गए संयुक्त ऑपरेशन ‘डाकाबेड़ा’ में सोमवार सुबह सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच जबरदस्त मुठभेड़ हुई। इस मुठभेड़ में एक करोड़ के इनामी नक्सली सहित कुल आठ माओवादी मारे गए।
सुरक्षाबलों ने मौके से चार इंसास राइफल, एक एसएलआर, एक रिवॉल्वर और कई दैनिक उपयोग की वस्तुएं बरामद की हैं। झारखंड पुलिस के डीजीपी अनुराग गुप्ता ने प्रेस कांफ्रेंस कर जानकारी दी कि इस अभियान को 209 कोबरा बटालियन, झारखंड जगुआर, सीआरपीएफ और बोकारो पुलिस के संयुक्त सहयोग से अंजाम दिया गया।
मुठभेड़ आज सुबह करीब 5:30 बजे शुरू हुई, जो कई घंटों तक चली। डीजीपी ने बताया कि मारे गए आठ नक्सलियों में से तीन की पहचान हो चुकी है। मारे गए शीर्ष माओवादियों में एक करोड़ का इनामी केंद्रीय कमेटी सदस्य विवेक उर्फ प्रयाग मांझी, 10 लाख का इनामी जोनल कमेटी सदस्य साहब राम मांझी और स्पेशल एरिया कमेटी का सदस्य अरविंद यादव शामिल हैं।
प्रयाग मांझी को माओवादी संगठन में विवेक दा, फुचना और नागो मांझी के नाम से जाना जाता था। पुलिस को इस अभियान की सूचना केंद्रीय कमेटी सदस्य सहदेव सोरेन और अन्य 20-25 सशस्त्र माओवादियों की मौजूदगी के आधार पर मिली थी।
आत्मसमर्पण करें नक्सली, नहीं तो गोली खाने को रहें तैयार : डीजीपी
डीजीपी ने इसे झारखंड की नक्सल समस्या के खिलाफ ऐतिहासिक सफलता बताया। उन्होंने कहा कि यह पहली बार है जब राज्य बनने के बाद एक करोड़ इनामी केंद्रीय कमेटी सदस्य को मार गिराया गया है।
उन्होंने यह भी कहा कि यह कार्रवाई पश्चिमी सिंहभूम (चाईबासा) में बलिदान हुए जवानों के बदले के रूप में हुई है और अब अगला फोकस चाईबासा इलाके को नक्सलियों से मुक्त कराना है।
डीजीपी ने नक्सलियों से आत्मसमर्पण की अपील करते हुए कहा कि अगर उन्होंने सरेंडर नहीं किया, तो उन्हें गोली खाने के लिए तैयार रहना चाहिए। उन्होंने विश्वास जताया कि जल्द ही झारखंड नक्सल मुक्त होगा।
इससे पहले 3 अप्रैल 2023 को भी चतरा में पांच इनामी नक्सली मारे गए थे, जिन पर कुल 65 लाख रुपये का इनाम घोषित था।