Jharkhand News: झारखंड सरकार ने गुटखा और पान मसाला के खिलाफ लागू किए गए एक साल के सख्त प्रतिबंध के बावजूद, इन नशीली उत्पादों की काला बाजारी तेजी से बढ़ती जा रही है। स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने चेतावनी दी है कि यदि किसी भी दुकान में प्रतिबंधित गुटखा पाया जाता है, तो दुकानदारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सरकार का मुख्य उद्देश्य लोगों को गुटखा के दुष्प्रभावों से बचाना और स्वास्थ्य जागरूकता को बढ़ावा देना है।
हालांकि, प्रतिबंधित गुटखा की गुपचुप बिक्री जारी है। सूत्रों के अनुसार, जो गुटखा पहले 5 रुपये में मिलता था, अब उसकी कीमत 15 रुपये जोड़ा तक पहुँच गई है। दुकानदारों का कहना है कि उच्च कीमतें उनके सप्लायर्स द्वारा तय की गई हैं, इसलिए उन्हें मजबूरन इन्हें बढ़ी हुई कीमतों पर बेचना पड़ रहा है। उदाहरण के लिए, रजनीगंधा का मूल्य अब 30 रुपये हो गया है, जबकि पहले यह 25 रुपये था। इसी तरह, सिग्नेचर का मूल्य 15 से 20 रुपये और कमला पसंद, दिलरुबा, विमल जैसे गुटखों की कीमत 15 रुपये जोड़ा तक पहुँच गई है।
इस बीच, यह चिंता बढ़ रही है कि विशेष रूप से युवा वर्ग, जो गुटखा और पान मसाला का सेवन कर रहे हैं, उन्हें इसके स्वास्थ्य पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभावों के बारे में जागरूक करना आवश्यक है। मेडिकल विशेषज्ञों का मानना है कि इन उत्पादों के सेवन से न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुँचता है, बल्कि इसके सामाजिक दुष्परिणाम भी गंभीर हो सकते हैं।
झारखंड सरकार का यह कदम तभी सफल होगा जब समाज और प्रशासन दोनों मिलकर जागरूकता फैलाने और सख्त निगरानी में सहयोग करें। सभी को मिलकर इस समस्या का समाधान करने के लिए प्रयास करने होंगे, ताकि युवा पीढ़ी को इन नशीली चीजों से बचाया जा सके। लोगों को जागरूक करना और इस काला बाजारी पर रोक लगाना आवश्यक है, ताकि झारखंड में स्वास्थ्य की स्थिति में सुधार किया जा सके।