रांची। आने वाले दिनों में मौसम साफ रहेगा। बारिश की संभावना नहीं है। तापमान में कमी होगी और हवा की गति सामान्य रहेगी। यह संभावना जताई है कांके स्थित बिरसा कृषि विश्वविद्यालय (BAU) के भारत मौसम विज्ञान विभाग के ग्रामीण कृषि मौसम सेवा विभाग ने। इस विभाग ने राज्यभर के किसानों के लिए मौसम, फसल एवं बागवानी से संबंधित परामर्श जारी करते हुए कहा है-कम तापमान और नमी के तनाव से होने वाले नुकसान को रोकने के लिए सुबह के समय खड़ी सब्जियों और फसलों में हल्की सिंचाई करें। कम तापमान के कारण खराब अंकुरण से बचने के लिए सब्जियों की नर्सरी के ऊपर कम लागत वाले पॉलिथीन कवर का उपयोग करें। हाल में बोई गई रबी फसलों और नई पौध को नमी के तनाव से बचाने के लिए पर्याप्त पानी से सिंचाई करने की सलाह दी गई है। नमी की कमी वाले क्षेत्र में किसानों को सब्जियों में फूल आने के दौरान 2% डीएपी+1% एमओपी का पत्तियों पर छिड़काव करने को कहा गया है। रात के समय पशुशाला को बंद रखने और खिड़कियों को बोरे से ढकने का निर्देश दिया गया है।
फसल विशिष्ट सलाह
मटर की फसल में फलों की संख्या बढ़ाने के लिए 20 ग्राम यूरिया प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर डंठलों पर छिड़काव करें, यह पाले से फसलों को बचाने मे सक्षम है। गेहूं में जल की उपलब्धता एवं फसल के आवश्यकतानुसार सिंचाई इस प्रकार करें-1. क्राउन रुट निकलने पर और कल्ले पूर्ण होने पर, 2. क्राउन रुट निकलने पर और बालिया निकलने पर, 3. क्राउन रुट निकलने पर, बालिया निकलने पर और दानों में दूध आते समय, 4. क्राउन रुट निकलने पर, कल्ले पूर्ण होने पर, बालियां निकलने पर और दानों में दूध आते समय, 5. क्राउन रुट निकलने पर, कल्ले पूर्ण होने पर, तने में गांठ बनते समय, बालिया निकलने पर और दानों में दूध आते समय से बोये गए गेहूं की फसल में यूरिया का दूसरा भुरकाव तथा देर से बोए गए फसल अगर भुरकाव नहीं कर पाए हैं तो खरपतवार नियंत्रण के पश्चात यूरिया का पहला भुरकाव करें। भुरकाव से पहले खेतों में उपयुक्त नमी सुनिश्चित करें। गेहूं की फसल में यदि दीमक के प्रकोप दिखाई दे रहे हों तो क्लोरपायरीफॉस 20 ईसी @ 2.0 लीटर के साथ 20 किलोग्राम रेत का मिश्रण शाम के समय उपयोग मे लाएं। इसके बाद सिंचाई करें। मूंग-चने की फसल में फली छेदक कीट की निगरानी के लिए फीरोमोन प्रपंश @ 3-4 प्रपंश प्रति एकड़ खेतों में लगाएं, जहां पौधों में 10-15% फूल खिल गये हों। यदि हां तो “T” अक्षर आकार के पक्षी बसेरा खेत के विभिन्न जगहों पर लगाएं।
बागवानी विशिष्ट सलाह
मिर्च-मिर्च की फसल में मकड़ी के प्रकोप की संभावना रहती है। कीटों के प्रकोप के कारण पत्तियां नीचे की ओर मुड़ने लगती हैं और सिकुड़ने लगती हैं। पौधा बौना दिखाई देता है। मिर्च की फसल में घुन के प्रबंधन के लिए इथियन 50% EC @ 600-मिली/एकड़ या स्पाइरोमेसिफेन 22.9% SC @ 200-मिली/एकड़ का छिड़काव करें।
गोभी-फूलगोभी का पतंगा कीट तथा बैंगन में तना या फल छेदक कीट से बचाव के लिए जैविक कीटनाशी दवा हाल्ट या डेल्फिन का छिड़काव (1 ग्राम प्रति लीटर पानी की दर से) करें।
प्याज-वर्तमान मौसम की स्थिति में समय पर बोई गई प्याज की फसल पर थ्रिप्स के हमले और बैंगनी धब्बा के संक्रमण की निरंतर निगरानी करें। चिपचिपे पदार्थ (टिपोल 1.0 ग्राम/लीटर) केसाथ 3 ग्राम प्रति लीटर पानी में डायथेन एम-45 का आवश्यकता आधारित छिड़काव करने की सलाह दी जाती है।
पशुपालन विशिष्ट सलाह
गाय पशुओं की ऊर्जा आवश्यकता को पूरा करने के लिए सर्दियों के मौसम में पशुओं को नियमित रूप से नमक के साथ खनिज मिश्रण और दैनिक राशन में 10-20% की दर से गेहूं के दाने, गुड़ आदि भी दें।
मुर्गी पालन विशिष्ट सलाह
मुर्गी मुर्गियों में रानीखेत बीमारी के प्रकोप देखे जा रहे हैं। इसके लिए मुर्गियों तथा चूजों में पशुचिकित्सक से सलाह लेकर टीकाकरण करवाएं।