रांची। बच्चों की पहली पाठशाला उनके माता-पिता, अभिभावक होते हैं। घर और समाज के साथ सामंजस्य स्थापित कर बच्चे शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ते हैं। उनके इस कदम में विद्यालय प्रबंध समिति की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इसलिए समिति की सजगता से शिक्षा में नई क्रांति संभव है।
यह बातें 16 फरवरी 2025 को राजकीयकृत उर्दू प्राथमिक विद्यालय, खिजुरटोली कांके के प्रधानाध्यापक नसीम अहमद ने कही। वह विद्यालय भवन में आयोजित विद्यालय प्रबंध समिति के दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं के अभिभावकों को संबोधित कर रहे थे। यह प्रशिक्षण ऑनलाइन एवं ऑफलाइन दोनों मोड में था। श्री अहमद ने कहा माता-पिता और अभिभावकों को अपने बच्चों के शिक्षण के प्रति जागरूक और सजग रहना होगा तभी बच्चों में शिक्षण विकास संभव है।
विद्यालय प्रबंध समिति की प्रत्येक बैठक में अभिभावक शिक्षण से जुड़ी समस्याओं को रख सकते हैं, जिसका हमसब मिलकर हल निकलेंगे। बच्चों के शैक्षणिक विकास से ही शिक्षकों का अस्तित्व रहता है और वे समाज में गौरवान्वित होते हैं। कार्यक्रम में प्रशिक्षक धर्मेंद्र कुमार ने विद्यालय प्रबंध समिति के कार्य, दायित्व व महत्व पर विस्तारपूर्वक चर्चा की। साथ ही, अभिभावक एवं बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए प्रेरित किया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में सुभाष उरांव, बाल संसद नरगिस परवीन, शादाब कैसर, अबरार अंसारी, गणेश नायक, नौशाद आलम, कलाम अंसारी, जमीला खातून, मारूफ खानम, अफसरी खातून, गुड़िया देवी, कसीदा खातून, फिरोजा खातून एवं मुसर्रत जहां समेत कई अभिभावक शामिल थे।