Jharkhand News : झारखंड के गढ़वा जिले के नगर ऊंटारी रेलवे स्टेशन से एक बड़ा घोटाला सामने आया है, जिसमें 2 करोड़ 16 लाख 12 हजार 267 रुपये की राशि का गबन किया गया है। यह घोटाला वर्ष 2023 में हुआ था, और मामले का खुलासा रेलवे के बैंक खाता स्टेटमेंट की जांच के दौरान हुआ। अब इस मामले में पुलिस द्वारा जांच शुरू कर दी गई है।
घोटाले का आरोप उस एजेंसी राईटर सेफ गार्ड लिमिटेड (डब्ल्यूएसजी) के बाईकर (कर्मियों) अजय कुमार गुप्ता और प्रेमचंद्र प्रजापति पर लगाया गया है, जो स्टेशन से टिकट बिक्री के पैसे को बैंक में जमा करने के लिए अधिकृत थे। रेलवे और एसबीआई के बीच 31 अक्टूबर 2020 को एक एग्रीमेंट हुआ था, जिसके तहत बाईकर को स्टेशन से टिकट बिक्री की रकम लेकर बैंक में जमा करनी होती थी।
जांच के दौरान यह पाया गया कि बाईकरों ने रकम को बैंक में जमा नहीं किया, बल्कि फर्जी प्राप्ति रसीदें तैयार कर स्टेशन प्रबंधक को जमा कर दीं। यह सिलसिला एक साल तक चलता रहा और किसी को भनक तक नहीं लगी। जब धनबाद रेल मंडल में राजस्व की कमी की खबर आई, तब रेलवे ने इस मामले की जांच शुरू की।
जांच में यह खुलासा हुआ कि बाईकरों ने 1 जनवरी 2023 से 31 दिसंबर 2023 के बीच लगभग 2 करोड़ 16 लाख रुपये स्टेशन से बैंक में जमा करने के लिए लिया, लेकिन बैंक के स्टेटमेंट और प्राप्ति रसीदों में कोई मेल नहीं था। बैंक से मिली जानकारी के अनुसार, उक्त रकम बैंक के खाता संख्या 32595570076 में जमा नहीं की गई थी, और फर्जी प्राप्ति रसीदें ही स्टेशन में जमा की गई थीं।
इस मामले को लेकर नगर ऊंटारी स्टेशन प्रबंधक संतोष कुमार ने रेलवे के वरीय अधिकारियों को सूचित किया, जिसके बाद सीटीआई मनुराम के निर्देश पर नगर ऊंटारी थाना में अजय कुमार गुप्ता और प्रेमचंद्र प्रजापति के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया। फिलहाल, दोनों आरोपी फरार हैं, और पुलिस उनकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है।
नगर ऊंटारी थाना के थाना प्रभारी आदित्य कुमार नायक ने मामले की पुष्टि करते हुए कहा कि आवेदन मिलने के बाद अनुसंधान शुरू कर दिया गया है। रेल कर्मियों से पूछताछ की जा रही है और जल्द ही आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
एसबीआई और रेलवे के बीच समझौते के तहत यह जिम्मेदारी एजेंसी को दी गई थी कि वे स्टेशन से टिकट बिक्री के पैसे को लेकर बैंक में जमा करें। लेकिन इस घोटाले के कारण रेलवे विभाग की छवि को बड़ा धक्का लगा है और इसके बाद सभी रेलवे स्टेशनों की जांच की जा रही है।
रेलवे विभाग ने इस घटना के बाद उच्च स्तर पर जांच के आदेश दिए हैं और अन्य स्टेशनों पर भी इस तरह के गबन की संभावना को लेकर सतर्कता बरतने की योजना बनाई जा रही है। यह मामला केवल एक स्टाफ द्वारा किया गया गबन नहीं बल्कि एक बड़े स्तर पर वित्तीय धांधली का हिस्सा हो सकता है, जिसे पूरी तरह से सुलझाने के लिए रेलवे और पुलिस मिलकर काम कर रहे हैं।
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