New Delhi : दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एक बड़े किडनी रैकेट का भंडाफोड़ किया है। पिछले कुछ ही समय में इस रैकेट ने 34 अवैध ट्रांसप्लांट को अंजाम दिया। इस रैकेट के तार दिल्ली के अलावा चार राज्यों गुजरात, हरियाणा, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश तक फैले थे। दिल्ली क्राइम ब्रांच को इस नेटवर्क की भनक लगी थी। तभी एक महिला ने पुलिस से संपर्क कर बताया की एक शख्स ने उनके पति के किडनी ट्रांसप्लांट के लिए 35 लाख ले लिए। किडनी भी ट्रांसप्लांट नहीं हुई और उनके पति की मौत हो गई।
इसके बाद पुलिस को पता लगा कि रैकेट को संदीप आर्य नाम का एक शख्स ऑपरेट कर रहा है। इस बीच पुलिस को संदीप के एक खास सहयोगी सुमित की जानकारी मिली, जिसे पुलिस ने ट्रैक कर पकड़ा। सुमित से पूछताछ बाद पुलिस ने गोवा से मास्टरमाइंड संदीप आर्य और उसके सहयोगी देवेंद्र को पकड़ा। पूछताछ में संदीप ने खुलासा किया कि उन्होंने अब तक 34 ट्रांसप्लांट करवाए हैं। पांच राज्यों के 11 अस्पतालों ये ऑपरेशन किए गए। एक ऑपरेशन के 35 से 40 लाख रुपये वसूले जाते थे। इसका मोटा हिस्सा मास्टरमाइंड संदीप आर्य का होता था और वह पांच लाख रुपये रखता था। करीब 5 लाख ही डोनर को दिया जाता था।
इस रैकेट में सब का काम अलग-अलग तय था। कोई डोनर खोज कर लाता, कोई मरीज की व्यवस्था करता, कोई फर्जी डॉक्यूमेंट तैयार करता। स्क्रीनिंग कमेटी को शक ना हो इसलिए ये दाता को बाकायदा ट्रेनिंग देते थे ताकि वह मरीज का रिश्तेदार लगे। दोनों के साथ की कुछ फोटोस भी स्टैंडिंग कमेटी के सामने पेश की जाती ताकि शक ना हो। डोनर की तलाश के लिए गैंग का एक शख्स अलग-अलग 122 सोशल मीडिया ग्रुप में जुड़ा था। मरीजों की जानकारी जुटाने के लिए गैंग के मेंबर बड़े हॉस्पिटल में ट्रांसप्लांट कोऑर्डिनेटर की नौकरी करते।
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